Navgeet Wiki
Advertisement
Saundaryanubhuti

सौंदर्यानुभूति और नवगीत का सौंदर्यबोध

वर्ष २०११ में प्रकाशित सौन्दर्यानुभूति और नवगीत का सौंदर्यबोध पारसनाथ गोवर्धन की समीक्षात्मक कृति है। इसमें २८६ पृष्ठ हैं और मूल्य है ३०० रुपये। प्रकाशक हैं यदुप्रभा प्रकाशन, आजमगढ़ । आइएसबीएन : ९७८-८१-९१०४९९-२-३

पुस्तक में चार अध्याय हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है-

१. सौन्दर्यानुभूति और उसका स्वरूप

२. सांस्कृतिक सौन्दर्य अभिव्यक्ति के आयाम (समय-संदर्भ, सामाजिक संदर्भ, लोक संदर्भ, ग्राम्य संदर्भ, गृहरति, मिथकीय संदर्भ और व्रत त्यौहार.

३. सौन्दर्य विधान के विविध स्वरूप अ. मानव रूपात्मक सौन्दर्यानुभूति - पुरुष सौन्दर्य, नारी सौन्दर्य, शिशु सौन्दर्य, श्रम सौंदर्य ब. प्रकृतिरूपात्म सौन्दर्यानुभूति- स्वतंत्र प्रकृति चित्रण, माध्यम रूप में प्रकृति चित्रण, प्रकृति का मानवीकरण, सांस्कृतिक पतनशीलता, आधुनिक जीवन की विसंगति, स्वचेतनाभिव्यक्ति, दैनन्दिन जीवन एवं प्रकृति, प्रकृति और नारी।

४. नवगीत का वाणी सौन्दर्य अ. यथार्थ अनुभव एवं सौन्दर्यबोध, ग्राम्यबोध की सौन्दर्यधर्मिता, नगरबोध की सौन्दर्यधर्मिता, प्रणय एवं सौन्दर्यबोध, जिजीविषा एवं सौन्दर्यबोध। ब. सामाजिक भूमि सम्बन्दी विचार सौन्दर्य, राजनीतिपरक विचार धारा का प्रवाह सौन्दर्य, अभिनव दर्शन का सौन्दर्य। स. शिल्प सौन्दर्य - भाषिक संरचना, अभिव्यंजना-कौशल, छांदसिकता, गीत रचना कौशल।

Advertisement