२०१५ में प्रकाशित सुनो मुझे भी जगदीश पंकज का पहला नवगीत संग्रह है। इसमें कुल ६४ नवगीत हैं। इसके प्रकाशक हैं- निहितार्थ प्रकाशन, एम् आई जी भूतल १, ए १२९ शालीमार गार्डन एक्सटेंशन II, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद, मूल्य है १२० रुपये और इसमें ११२ पृष्ठ हैं।
संग्रह में प्रकाशित गीत समय सापेक्ष हैं। वे वर्तमान को समझने, बूझने और अबूझे से जूझने में विश्वास करते हैं और नवगीत उनके मनोभावों की अभिव्यक्ति का माध्यम बनता है। यथार्थ को यथावत कहने में कोई संकोच या डर वे नहीं रखते। उनके सहज सम्मिलित छांदस प्रयोग कथ्य की कहन को स्वाभाविकता और सम्प्रेषणीयता से संपन्न करते हैं।
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