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२०१९ में प्रकाशित सलीबें रंजना गुप्ता का पहला नवगीत संग्रह है। इसके प्रकाशक हैं- बोधि प्रकाशन, जयपुर

डॉ. रंजना गुप्ता के नवगीत मानवीय संवेदना से संबद्ध हैं। सामाजिक सरोकार और संवेदना से आबद्ध होकर जो रचना गुज़रती है वही मौलिक रचना होती है। आम आदमी के बीच रहकर गीत कवयित्री रंजना गुप्ता संवेदना को आधार बनाते हुए जीवन मूल्यों को तलाशती हैं। 

नवगीत में अपनी पहचान बना चुकी डॉ. रंजना की संवेदना मुक्तिकामी संघर्षो से जुड़ कर समय की क्रूरताओं और विद्रूपताओं पर सीधा प्रहार करने में सफल हुई हैं। उनके गीतों में समय, समाज और परिवेश के अनेक कथ्य एवं बिम्ब विचारणीय हैं। मानवीय प्रश्नाकुलाहट और जिजीविषा उनके गीतों में देखे जा सकते हैं। स्थिति है कि संयुक्त परिवार टूट रहे हैं, रिश्ते नाते दरक रहे हैं, मानवीय आत्मीयता तार तार हो रही है। रंजना जी की भावनाएँ रो रही हैं।