२०१४ में प्रकाशित सदी को सुन रहा हूँ मैं जयकृष्ण राय तुषार का पहला नवगीत संग्रह है। -- गीतों के इस संग्रह में १२६ पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है ५० रुपये। प्रकाशक हैं- साहित्य भण्डार ५० , चाहचन्द , इलाहबाद - २०११०३२
आज के बोझिल व्यस्त वातावरण में जब मधुर संवाद धूमिल होने लगे हैं। आपराधिक गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, लोग दहशत के साये में जीने के लिए बाध्य हैं, संसार गरीबी और बेकारी से त्रस्त है और देश में फैली अराजकता और उथल पुथल हर किसी को व्याकुल कर रही है, गीतकार की संवेदनशील कलम से निकली वाणी, संवेदना के धरातल पर पाठक के अंतःस्थल को छूती है।
बाह्य सूत्र[]
- [सदी को सुन रहा हूँ मैं] संग्रह और संकलन में शशि पुरवार की समीक्षा