१९८६ में प्रकाशित शेष रहने के लिए राम सेंगर का पहला नवगीत संग्रह है। इसके दो खंडों रेत की व्यथा-कथा और बिम्ब उभरेगा में ६२ नवगीत हैं। इसमें ८८ पृष्ठ है और इसका मूल्य है ३० रुपये। इसके प्रकाशक है पराग प्रकाशन, दिल्ली-32और इसकी भूमिका अशोक श्रीवास्तव ने लिखी है।
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