२०१६ में प्रकाशित रिश्ते बने रहें योगेन्द्र वर्मा व्योम का पहला नवगीत संग्रह है। इसमें कुल ३५ गीत है। इसके प्रकाशक हैं- गुंजन प्रकाशन, सी-१३०, हिमगिरि कालोनी, काँठ रोड, मुरादाबाद -२४४००१ (उ.प्र.) । मूल्य है २०० रुपये और इसमें १०४ पृष्ठ हैं।
पीतल-नगरी मुरादाबाद में काव्यमई स्वर्णिम आभा से युक्त चर्चित नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम का समकालीन गीत-संग्रह-'रिश्ते बने रहें' हाल ही में प्रकाशित हुआ है। काव्य-संग्रह- 'इस कोलाहल में' के पश्चात यह आपका प्रथम गीत-नवगीत संग्रह है, जिसमें यों तो ३५ नवगीत संग्रहीत हैं, किन्तु यही गागर में सागर का आभास देते हैं। संग्रह में शामिल व्योम जी के सारे नवगीतों में भावों का फ़लक, व्योम अर्थात आकाश की भाँति ही विस्तृत और असीम है तथा निशाकालीन आकाश के जगमगाते सितारों की भाँति बिम्ब और उपमाएँ तथा प्रतीक और अलंकार पाठकों को चमत्कृत करते हैं। इनमें कुछ तो नितांत अनछुए प्रतीत होते हैं, जैसे-
अपठनीय हस्ताक्षर जैसे कॉलोनी के लोग... अथवा-
बिन फोटो के फ्रेम सरीखा यहाँ दिखावा है... या फिर- जैसे खालीपन कागज़ का वैसी अब है माँ...
बाह्य सूत्र[]
- रिश्ते बने रहें संग्रह और संकलन में बी.के.वर्मा शैदी की समीक्षा।