२००८ में प्रकाशित झूठ नहीं बोलेगा दर्पण, डॉ. विनय भदौरिया का पहला नवगीत संग्रह है। इसके प्रकाशक हैं- अनुभव प्रकाशन, ई-२८ लाजपत नगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मूल्य है. २०० रुपये और इसमें १७२ पृष्ठ हैं। ISBN ८१-८९१३३-९२-६
डॉ. विनय भदौरिया के नवगीत का वर्ण्य सामाजिक परिवर्तनों को पहचानना है और उस वर्ण्य को अप्रस्तुत के माध्यम से प्रस्तुत करना है। उनके यह दोनों ही कार्य इतनी सहजता से होते चले जाते हैं कि उसमें अस्वाभाविकता कहीं नहीं दिखाई पड़ती। सब कुछ बड़ी सहज-सरल शैली में घटित होता होता जाता है। उनके नवगीत में बराबर एक वार्तालाप की नाटकीयता सक्रिय रहती है।
बाह्य सूत्र[]
- झूठ नहीं बोलेगा दर्पण डॉ. ओमप्रकाश अवस्थी के शब्दों में।