२००७ में प्रकाशित और उलझते गए जाल में दिवाकर वर्मा का नवगीत संग्रह है। इस कृति में १०० पृष्ठ और ६१ गीत हैं। मूल्य है १५० रुपये। कृति के प्रकाशक हैं- [[नमन प्रकाशन]] दिल्ली।
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२००७ में प्रकाशित और उलझते गए जाल में दिवाकर वर्मा का नवगीत संग्रह है। इस कृति में १०० पृष्ठ और ६१ गीत हैं। मूल्य है १५० रुपये। कृति के प्रकाशक हैं- [[नमन प्रकाशन]] दिल्ली।