वर्ष २०१७ में प्रकाशित आदमी उत्पाद की पैकिंग हुआ मनोहर अभय का पहला नवगीत संग्रह है। इसमें २२८ पृष्ठ हैं, १११ गीत हैं और मूल्य है २५० रुपये। इसके प्रकाशक हैं- बोधि प्रकाशन, जयपुर।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोहर अभय का समकालीन गीत संकलन- 'आदमी उत्पाद की पैकिंग हुआ' ऐसे घटाटोप अंधकारमय समय में आया है, जबकि उम्मीद का हाथ हर वक्त छूटता सा लगता है। हम सब अकेले कर दिए हैं, बीच बाजार। बाजार की ताकतें हमारे सुबह से शाम की दिनचर्या तय करने लगी हैं। निजता हर पल आशंकित है और परस्परता टूटने के कगार पर। ...सचमुच आदमी उत्पाद की पैकिंग से अधिक नहीं रह गया। कवि की दृष्टि लघु से विराट तक यात्रा करती है। दुर्निवार वैश्विक चिंताओं को कवि सोचता है और अपने आस-पास में उनको परखता है। हम बड़ी चिंताओं में रह सकते हैं, लेकिन जीना हमें छोटी-छोटी चीजों में ही होता है। यह सच जितना जल्दी स्वीकार कर लिया जाए, बेहतर है। डॉ अभय इस सत्य को सहज शब्दों में बार-बार स्वीकारते हैं, बताते हैं और हमें चेताते भी हैं।[१]
बाह्य सूत्र[]
- ↑ इस पुस्तक में एक टिप्पणी के रूप में माया मृग के शब्द