२०१० में प्रकाशित अँजुरी भर हरसिंगार यतीन्द्रनाथ राही का नवगीत संग्रह है। इसमें ५१ गीत संकलित हैं। इसके प्रकाशक हैं- ऋचा प्रकाशन १०६ शुभम् ७ नं. बी.डी.ए. मार्केट, शिवाजी नगर भोपाल- १६। इसमें १०३ पृष्ठ हैं और इसका मूल्य है- १२५ रुपये।
राही जी के इन गीतों की खुशबू और उनका देसीपन ही उनकी मौलिकता है। कवि की ईमानदार अभिव्यक्ति में कवि का चेहरा झाँकता है। इन अधिकांश गीतों में नैसर्गिक सुगन्ध के साथ मानवीय चेतना की सार्थक ध्वनियाँ भी रेखांकित करने योग्य है। इस संग्रह के गीतों में अतीत स्मरण के साथ ही लोक चेतना और जातीय चेतना के विविध रंग देखने को मिलते हैं। जातीय चेतना ही जीवन के प्रति आस्था और विश्वास पैदा करती है। छन्दसिद्ध कवि राही जी के इन गीतों में अच्छे गीत की तमाम विशेषताएँ देखने को मिलती हैं।
बाह्य सूत्र[]
- अँजुरी भर हरसिंगार विस्तृत समीक्षा।